मेले में डंकी शो के जरिए दिया जा रहा है साक्षरता का संदेश
मंदसौर । शहर के संजीत रोड स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर परिसर में दैनिक गुरु एक्सप्रेस के तत्वावधान में चल रहे फाल्गुन मेले में शहर सहित दूरदराज से भक्त आ रहे है। भक्तो द्वारा भगवान के दर्शनों के साथ मेले का आनंद लिया जा रहा है। फाल्गुन मेला इन दिनों पूरे शबाब पर है।
मेले में इस वर्ष पहली बार मंदसौर शहर में साक्षर प्यारेलाल डंकी शो रखा गया है, डंकी प्यारेलाल शो के संचालक किशन सिंह का कहना है कि जब गधे पढ़ सकते है तो इंसान क्यों नहीं...।
श्री खाटूश्याम फाल्गुन मेले में इस वर्ष डंकी शो चला रहे 67 वर्षीय कलाकार किशन सिंह का कहना है की वह इस शो के जरिये साक्षरता अभियान का संदेश दे रहे है। जब महामूर्ख समझे जाने वाला गधा पढ़ सकता है, सीख सकता है और अपनी छठी इंद्री को विकसीत कर सकता है तो इंसान क्यो नही शिक्षित हो सकता है।
डंकी शो में प्यारेलाल नामक गधा इतनी हैरत अंगेज सवालों के जवाब देता है की दर्शको को दांतों तले उंगली डालने पर विवश होना पड़ता है।
जैसे आंखों पर पट्टी बंधी होने पर भी जो लिखा होता है वो बता देता है,
प्यारेलाल हिंदी अंग्रेजी दोनो शब्दो के साथ जोड़ और घटाव के सवालों के भी सही सही जवाब दे देता है।
श्री खाटूश्याम फाल्गुन मेले में इस वर्ष डंकी शो चला रहे 67 वर्षीय कलाकार किशन सिंह का कहना है की वह इस शो के जरिये साक्षरता अभियान का संदेश दे रहे है। जब महामूर्ख समझे जाने वाला गधा पढ़ सकता है, सीख सकता है और अपनी छठी इंद्री को विकसीत कर सकता है तो इंसान क्यो नही शिक्षित हो सकता है।
डंकी शो में प्यारेलाल नामक गधा इतनी हैरत अंगेज सवालों के जवाब देता है की दर्शको को दांतों तले उंगली डालने पर विवश होना पड़ता है।
जैसे आंखों पर पट्टी बंधी होने पर भी जो लिखा होता है वो बता देता है,
प्यारेलाल हिंदी अंग्रेजी दोनो शब्दो के साथ जोड़ और घटाव के सवालों के भी सही सही जवाब दे देता है।
अनेक कलाओ में पारंगत है किशन सिंह
डंकी शो के संचालक किशन सिंह जन्मजात कलाकार है उन्होंने बताया की गधे को सिखाने का कार्य वे 1986 से कर रहे है। अभिताभ बच्चन अभिनीत अजूबा फिल्म और फरिश्ते फिल्म में भी उनके सिखाये गधे ने ही काम किया था। प्यारेलाल बहुत प्रवीण गधा है और इस कहावत को गलत साबित करता है की गधे महामूर्ख होते है। उन्होंने बताया की प्यारेलाल को उन्होने बाहरी ज्ञान दिया था, वहीं उसकी छट्टी इंद्री स्वयं विकसित हुई है। जिससे वह सभी सवालों के सही जवाब दे देता है।
प्यारेलाल पड़ना जानता है, और व्यक्ति के हावभाव देखकर उसके स्वभाव का पता लगा लेता है।
किशन सिंह अपने इस प्यारेलाल के साथ देश में अनेक शो कर चुके है। श्री खाटू श्याम के छठे मेले में छोटे झूले, मनिहारी, कटलरी, क्रॉकरी की दुकानें, चिकन सिल्क के कपड़े, खाना खजाना की दुकानें सजी है। 11 मार्च से शुरू हुए 12 दिवसीय मेले का समापन 22 मार्च को होगा।
इस अवसर पर खाटू श्याम मंदिर के संस्थापक ठाकुर अर्जुन सिंह राठौर एवं आपकी धर्म पत्नी श्रीमती प्रेम कुँवर राठौर की स्मृति में ठाकुर अर्जुन सिंह राठौर चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 1 क्विंटल पोहे का वितरण 20 मार्च को किया जाएगा ।
यह जानकारी मेला समिति के आयोजक शैलेन्द्र सिंह राठौड़ एवम आशीष नवाल ने दी। उन्होंने धर्मप्रेमियों से आग्रह किया है की सभी कार्यक्रमों एवम मेले में आकर धर्म लाभ तथा आनंद ले।
डंकी शो के संचालक किशन सिंह जन्मजात कलाकार है उन्होंने बताया की गधे को सिखाने का कार्य वे 1986 से कर रहे है। अभिताभ बच्चन अभिनीत अजूबा फिल्म और फरिश्ते फिल्म में भी उनके सिखाये गधे ने ही काम किया था। प्यारेलाल बहुत प्रवीण गधा है और इस कहावत को गलत साबित करता है की गधे महामूर्ख होते है। उन्होंने बताया की प्यारेलाल को उन्होने बाहरी ज्ञान दिया था, वहीं उसकी छट्टी इंद्री स्वयं विकसित हुई है। जिससे वह सभी सवालों के सही जवाब दे देता है।
प्यारेलाल पड़ना जानता है, और व्यक्ति के हावभाव देखकर उसके स्वभाव का पता लगा लेता है।
किशन सिंह अपने इस प्यारेलाल के साथ देश में अनेक शो कर चुके है। श्री खाटू श्याम के छठे मेले में छोटे झूले, मनिहारी, कटलरी, क्रॉकरी की दुकानें, चिकन सिल्क के कपड़े, खाना खजाना की दुकानें सजी है। 11 मार्च से शुरू हुए 12 दिवसीय मेले का समापन 22 मार्च को होगा।
इस अवसर पर खाटू श्याम मंदिर के संस्थापक ठाकुर अर्जुन सिंह राठौर एवं आपकी धर्म पत्नी श्रीमती प्रेम कुँवर राठौर की स्मृति में ठाकुर अर्जुन सिंह राठौर चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 1 क्विंटल पोहे का वितरण 20 मार्च को किया जाएगा ।
यह जानकारी मेला समिति के आयोजक शैलेन्द्र सिंह राठौड़ एवम आशीष नवाल ने दी। उन्होंने धर्मप्रेमियों से आग्रह किया है की सभी कार्यक्रमों एवम मेले में आकर धर्म लाभ तथा आनंद ले।