संपत्ति लोभी और संस्कारविहीन पुत्रों की वजह से ही वृद्ध माता पिता की आज दुर्दशा हो रही है किन्तु बेटियां माता पिता के प्रति सदैव संवेदनशील ही होती है। यह बात शहर के प्रतिष्ठित और अग्रणी स्वामी विवेकानंद कॉलेज में मुख्यमंत्री की घोषणा C-538 महिलाओं के विरुद्ध होनेवाले अपराधों की रोकथाम के अन्तर्गत *बेटी बचाओ बेटी पढा़ओ* विषय पर आयोजित कार्यशाला में समाजमनिषियों ने व्यक्त किए। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वी.के.जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यदि समाज बेटियों को जन्म ही नहीं लेने देगा तो अपने बेटों का विवाह किससे करेगा । माता पिता को चाहिए कि वे अपने संतानों को समय दे, वे क्या कर रहे हैं मोबाइल का क्या उपयोग कर रहे हैं? इसका निरीक्षण करें व पुत्रों और पुत्रियों का उचित पालन पोषण करें।
मंदसौर से पधारी प्रोफेसर राजश्री ठाकुर ने कहा कि जिन समाजों में बेटियों की संख्या पुरूष अनुपात में कम होती है वहां अपराध की दर अधिक होती है।
कार्यशाला संयोजक डॉ. संजय जोशी ने महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरु की संतानों का उध्दरण देते हुए कहा कि संतान लड़का हो या लड़की इससे अंतर नहीं पड़ता है बल्कि संतान कितनी काबिल, गुणगान , शीलवान व संस्कारवान है यह मायने रखता है।नेहरू जी के केवल एक ही लड़की थी जबकि गांधीजी के तो एक नहीं चार लड़के थे पर हम उनमें से किसी को नहीं जानते। प्रोफेसर प्रभावती भावसार ने कहा कि माता पिता की यह जिम्मेदारी है कि वह अपनी संतानों को विनम्र , शालीन व संस्कारवान बनाएं। कार्यक्रम में प्रो. सी.पी. पंवार, डॉ. आइरिस रामनानी, डॉ. रेखा साहू, प्रो. रुपलाल मेघवाल, प्रो. पूजा सेन एवं बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित थी।अतिथियों का कुंकुम तिलक से स्वागत अर्पिता तिवारी ने किया । कार्यशाला का संचालन प्रो. जितेंद्र कुमार परिहार ने व आभार योजना के नोड़ल ऑफिसर डॉ. संजय जोशी ने माना।