नगर भ्रमण के दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर की एक झलक के लिए उमड़ा जनसैलाब

 उज्जैन । भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार को दूसरी सवारी धूमधाम से परम्परागत मार्ग से निकली | भगवान श्री महाकालेश्वर की एक झलक के लिए सड़कों पर जन सैलाब उमड़ा था।भगवान का चंद्रमौलेश्वर स्वरूप रजत पालकी में एवं गज पर मनमहेश रूप में सवार होकर प्रजा के हाल जानने मंदिर से निकले थे। श्री महाकालेश्वर मंदिर से सवारी निकलने के पूर्व सभा मण्डप में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, महापौर मुकेश टटवाल, कलेक्टर आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने भगवान के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का पूजन-अर्चन किया। पूजन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम पुजारी ने करवाया। सवारी मार्ग पर दोनों ओर खड़े श्रद्धालुओं ने श्रद्धा एवं भक्तिभाव से जय महाकाल का उद्घोष कर सवारी का स्वागत किया। सवारी परम्परागत मार्ग से होकर मोक्षदायिनी शिप्रा तट रामघाट पहुंची। रामघाट पर पालकी में विराजित भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के जल से जलाभिषेक किया गया। पूजन श्री महाकालेश्वर मन्दिर के पुजारी पं. आशीष गुरू एवं अन्य पुरोहितों द्वारा करवाया गया। जलाभिषेक के उपरांत पालकी महाकालेश्वर मन्दिर के लिये परम्परागत मार्ग से मंदिर के लिए रवाना हुई। श्रावण एवं भादौ मास में निकलने वाली भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी के क्रम में तृतीय सवारी एक अगस्त को, चतुर्थ सवारी 8 अगस्त को, 15 अगस्त को पांचवी सवारी और 22 अगस्त को शाही सवारी निकाली जायेगी। नागपंचमी पर्व 2 अगस्त को आयोजित होगा।

अफरा-तफरी मची- श्रावण मास के दूसरे सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। रात 2 बजे से ही दर्शनों के लिए कतार में दर्शनार्थी खड़े होने लगे थे। हालत यह हुई कि सुबह भीड़ में धक्का मुक्की शुरू हो गई। इसे नियंत्रण करने के लिए सुरक्षा गार्डों ने भीड़ पर डंडे बरसाने शुरू कर दिए। इससे भगदड़ मच गई और शेड नीचे गिर गया।


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